तोर पूजा करन दिन- राति

तोर पूजा करन दिन- राति
गुरू हो तोर पूजा करन दिन- राति
तन दिया करन मन बाति
गुरू हो तोर पूजा करन दिन- राति

प्रेम रूपी तेल अउ श्रद्धा सुमन हे
तुंहर चरणों म इहि अरपन हे
अउ नइये फूल पाति

तोर पूजा के देखेन महिमा
मया बरस गे खोर- गलिन मा
गली- कुरिया के तनगे छाती

तोर पूजा म सोना पायेन
हीरा पायेन
ज्ञान के मोती जखीरा पायेन
तन- मन होगे ममहाती

तोर पूजा ह सेत कमल हे
करके देखेन, सत के बल हे
सहज जोग फल दाति

- के. आर. मार्कण्डेय

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