माेर बाबा के मत ले नाम

मोर बाबा के मत ले नाम
काेनो दारू म बूड़े हस
दाई- ददा घलो बदनाम
तैं तो हवा म उड़े हस

छोटे-छोटे तोर नोनी अउ बाबू
काकर भरोसा म छोड़े हस
दुःख म हे तोर नारी परानी
मझधारा म बोरे हस
अउ नशा म तंउरे हस

तोर कारण संसार बिगड़ गे
छोटे-छोटे तोर लइका के
मन्दहा के जिनगानी धरे तैं
घर होगे बिन फरिका के
अउ गली म भुकरे हस

काकर कुल म जनम धरे हस
का तोर नाम निशानी हे
जाने नहीं ते जान ले
बिरथा तोर जवानी हे
गुरू बानी ल बिसरे हस
-के. आर. मार्कण्डेय

Comments

Popular posts from this blog

श्री नकुल देव ढीढी का जन्मोत्सव

शिव भोला