तोर लहरा म तर जातेन ग

तोला आवत जान पातेन ग
रद्दा- रद्दा म फूल बिछातेन
तोला मेड़ो ल परघातेन  .
गावत- बजावत लातेन



बन के हमर सहारा जग में
धरती म पॉव जमाय रेहेव
चारो मुड़ा के दीन- दुरबल ल
गर म अपन लगाय रेहेव
तोर चरणों म माथ नवातेन ग
भाग अपन सहरातेन

दुरिहा ल तुंहर बोली सुनेन
तन- मन हमर जुड़ागे
कहॉं हवे ये जग म रूंधना
टक- टक ल झकागे
तोला तिर म आज पातेन ग
तोर भुजा हमु बन जातेन

तुम्ही हमर बर देवता हवव
तुम्ही हमर बर जोति हव
सोना- चांदी, हीरा- जवाहर
गजमोतियन के मोती हव
तोला संग म अपन रेंगातेन ग
तोर लहरा म तर जातेन.                      -
- के .  आर  . मार्कण्डेय


    श्री राम रतन जानोरकर पूर्व महापौर नागपुर 12 अप्रेल 1987 श्री नकुल देव ढीढी जयंती भोरिंग महासमुन्द(छ.ग.)

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