मोला पढ़े- लिखे बर जान दे

छत्तीसगढ़ के बेटी अंव
भारत मां के बेटी अंव
ये दुनिया के बेटी अंव
मोला बेटा कस सम्मान दे
तुंहर दुलौरिन बेटी अंव



तुंहर कोरा म खेल-कूद के
भाग अपन सहराहूं
दुई आखर मैं लिख- पढ़ लिहूं
दुनिया नवा सजाहूं.
मोला  पढ़े- लिखे बर जान दे


बोझा कस झन जानव मोला
मैं फुलवा कस फुले हंव
सुघर- सलोना सपना के
झुलना म मैं झूले हंव
मोला सपना अपन सजान दे
तुंहर दुलौरिन बेटी अंव
- के. आर. मार्कण्डेय



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