सोज नजर हमला दुनिया देखत हे आज बाबा साहेब तोर देन ए
घेंचल उठाके आज मनखे रेंगत हे गा
ये बाबा साहेब तोर देन ए
सोज नजर हमला दुनिया देखत हे गा
ये बाबा साहेब तोर देन ए
इहां के पुरवाही, रिहिस भारी- भारी
दबे रिहिन जेमा कोटिन नर- नारी
नवा झकोरा आइस बेरा कलथ गे गा
ये बाबा साहेब तोर देन ए
रसदा छेकाये रिहिस, रीति- रिवाज म
बंधना बंधाये रिहिस, सिगरे समाज म
बंधना ह टूट गे,रूंधना फेकागे गा
ये बाबा साहेब तोर देन ए
बरस- बरस के ,नींद ल जागे हन
दुनिया बसाये बर , आलस तियागे हन
नवा- नवा सपना ह, जिनगी म आगे गा
ये बाबा साहेब तोर देन ए
- के. आर. मार्कण्डेय
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