कहाँ आथस जाथस, बता के जाना

कहाँ आथस - जाथस , बता के जाना
अरे मोर हीरा, चेता के जाना
तोर संसो म बसे हे पराना

तिही हमर सपना, तिही हमर अाँखी अस
तिही हमर संगी, तिही हमर साथी अस
तिही हमर गरब गुमाना

बदले हे बेरा , बाबू , बइरी जमाना हे
खाड़ा वाले खाड़ा धरे, गाज गिराना हे
सरू- सरू बनथे निशाना

कोरा म खेलाये हन दुनिया देखाबो ग
जिहाँ- जिहाँ जाहूँ कहिबे, ऊंहे ले के जाबो ग
तोर पल- पल रखबो धियाना
_ के. आर. मार्कण्डेय

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