बिजली बिल की चर्चा

बड़ मया दिखे, बड़ दया  दिखे
सरकार तुम्हरे दिल म
दार- चांउर के दाम वसुल ले बबा
बिजली के बिल म

एक रूपया म चांउर बाटेव
संग मा बटुरा के दार
एक लट्टू के बिजली बारेन
बिल आवत हे हजार
बेरा भले रिहिस कंडिल म

चांउर बेचागे, दार बेचागे
बेचागे बखरी- डोली
अकल म पथरा परे हवे
कोढ़िया होगे जोड़ी
तारा लगे हवे सइकिल म


लाली टमाटर के होगे पठोनी
आलु गियिस लमसेना
लकड़ी के मन आगी लगगे
पदवी पा लिस छेना
गेस परे हवे मुश्किल म
- सा. के. आर. मार्कण्डेय



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