मोर छत्तीसगढ़ के हाल

मोर छत्तीसगढ़ के हाल,
गुनत रइथौ
तैं का कइथस,
वो का कइथे
सुनत रइथौ

शुभ अवसर में
राज बने हे
देवता  मन बर
ताज बने हे
स्वागत बर
फुल चुनत  रइथौ

माटी ऊपर
माटी सजगे
ठंव-ठंव स्कूल
कालेज बसगे
हलो , हाय !  बाय
करत रइथौ

खेती म रौनक
हे भारी
गमगम फूलत
हे फुलवारी
टोर- टोर टुकनी
बेचत रइथौ
 - सा. के. आर. मार्कण्डेय

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