हमरो तो अरमान होही
हाय- हाय, हलो ! हलो !
गोरी धीरे- धीरे चलो
उड़त हवे तोर लाली दुपट्टा
गियर ल बदलो
हाय- हाय , हलो ! हलो !
बबुआ मोर पाछु चलो
निकले हे गली तान के बेरा
खोंधरा ल निकलो
लड़का- चैनफांस के धरे झुलनिया
कनिहा म तोर झूले
जतर- कतर काला देखत हस
रस्ता शहर के भूले
बिच्छल हवे डगरिया
गोरी तुम संभलो
लड़की- बेटी जवाहर के रे जग म
राज करे हे बरसो
चार कदम हम रेंगे नहिन
जग ल परगे संसो
हमरो तो अरमान होही रे
नवा दुनिया ल पूछ लो
- के. आर. मार्कण्डेय
गोरी धीरे- धीरे चलो
उड़त हवे तोर लाली दुपट्टा
गियर ल बदलो
हाय- हाय , हलो ! हलो !
बबुआ मोर पाछु चलो
निकले हे गली तान के बेरा
खोंधरा ल निकलो
लड़का- चैनफांस के धरे झुलनिया
कनिहा म तोर झूले
जतर- कतर काला देखत हस
रस्ता शहर के भूले
बिच्छल हवे डगरिया
गोरी तुम संभलो
लड़की- बेटी जवाहर के रे जग म
राज करे हे बरसो
चार कदम हम रेंगे नहिन
जग ल परगे संसो
हमरो तो अरमान होही रे
नवा दुनिया ल पूछ लो
- के. आर. मार्कण्डेय
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