होबे निरमोही तैं झन आबे रे

ये शहर वाले हवा, ठहर रहिबे
मोला जाना हवे गाँव
बर- पीपर जुड़ छांव
जिहां लिखे हवे नाम
खबर कहिबे

संझा के बेरा जोहत रइहूं
तैं आबे नइ आबे देखत रइहूं
नइ आबे ते गड़ौना
फोन करिबे

आही तोर सुरता रोवत रइहूं
अाँसू म काजर धोवत रइहूं
मोर सोर संदेशा
पूछत रहिबे

होबे निरमोही तैं झन आबे रे
गाँव पुरवाही तैं कहाँ पाबे रे
शहर म सर- सर
छिकत रहिबे

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