सबे जगह मनसरुवा
तरिया , नदिया , नरवा
सबे जगह मनसरुवा
माटी, ढेला ,कोहा
जुरमिल पारे दोहा
मुच- मुच हाँसे आँखी
बगुला के लागे पाँखी
बड़े- बड़े के कहना
देखभाल के रहना
झन करबे तैं सियानी
झन बदबे तैं मितानी
फेर निशदिन पुण्य कमाबे
जियत ल मेछराबे
कोनो नइ खीचै तोर डेना
चलही तोर उचेना
सरा- ररा झन करबे
नइते संउहत मरबे
- के. आर. मार्कण्डेय
सबे जगह मनसरुवा
माटी, ढेला ,कोहा
जुरमिल पारे दोहा
मुच- मुच हाँसे आँखी
बगुला के लागे पाँखी
बड़े- बड़े के कहना
देखभाल के रहना
झन करबे तैं सियानी
झन बदबे तैं मितानी
फेर निशदिन पुण्य कमाबे
जियत ल मेछराबे
कोनो नइ खीचै तोर डेना
चलही तोर उचेना
सरा- ररा झन करबे
नइते संउहत मरबे
- के. आर. मार्कण्डेय
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