तिरंगे की देन- भारतीय गणतंत्र , जय हो
कोनो उड़त हे अगास म
कोनो धरती सजावत हे
ये भारत के जनता ए
आज अघुवावत हे
बाबा साहेब ह लिखे हे
वोला दुनिया म पावत हे
कोनो जिला म बइठे हे
कोनो बइठे कछेरी म
कोनो चंदा- सुरूज ल
धरे हवे हथेरी म
बेटी माथ उचावत हे
बेटा मान बढ़ावत हे
जिंकर कभू मान नइ रिहिस
वोमन मानी होगे
जिंकर हाथ म दान नइ रिहिस
वोमन दानी होगे
रोज दान लुटावत हे
रोज मान ल पावत हे
जिंकर रिहिस छितकी कुरिया
ऊंकरो बंगला बनगे
परजा ल राज मिले हे जबले
छाती सबो के तनगे
सब मया बढ़ावत हे
अउ मया ल पावत हे
_ सा. के. आऱ
- सा. के. आर. मार्कण्डेय
कोनो धरती सजावत हे
ये भारत के जनता ए
आज अघुवावत हे
बाबा साहेब ह लिखे हे
वोला दुनिया म पावत हे
कोनो जिला म बइठे हे
कोनो बइठे कछेरी म
कोनो चंदा- सुरूज ल
धरे हवे हथेरी म
बेटी माथ उचावत हे
बेटा मान बढ़ावत हे
जिंकर कभू मान नइ रिहिस
वोमन मानी होगे
जिंकर हाथ म दान नइ रिहिस
वोमन दानी होगे
रोज दान लुटावत हे
रोज मान ल पावत हे
जिंकर रिहिस छितकी कुरिया
ऊंकरो बंगला बनगे
परजा ल राज मिले हे जबले
छाती सबो के तनगे
सब मया बढ़ावत हे
अउ मया ल पावत हे
_ सा. के. आऱ
- सा. के. आर. मार्कण्डेय
Comments
Post a Comment