छत्तीसगढ़ महतारी

 छत्तीसगढ़ महतारी नवावत हन माथ
तोर अंगना ह चहुंदिश फूले- फरे
गोली अउ बारूद ल
करत हवन आदेश
तोर अंगना म झन
उत्पात करे .

तोर नगर सब
जग म शुमार होगे
लोहा संग लोहाटी
तन के परचार होगे
दाई जग म लिलार बरे

अपन कोरा म  दाई
सबे ल दुलारत हवव
जागो ! जागो ! जागो कहिके
सबो ल पुकारत हवव
गुरमटिया ल सफरी करे

कोन कथे हमला
हम अड़हा अउ लेड़गा हन
धीरज धरम वाले
लउठी अउ बेड़गा हन
तोर  माथ के सिंगार बरे

- सा. के. आर.  मार्कण्डेय

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