बिन मांगे मीनार बनवा दिये हो नकुल ढीढी
गुरू घासीदास जयंती के प्रथम आयोजन १८ दिसम्बर १९३८ ग्राम भोरिंग
थाना तुमगाँव तहसील व जिला महासमुन्द छत्तीसगढ़ हुआ . जयंती के जन्मदाता के रूप में समाज के महामानव मंत्री
जी नकुलदेव की कीर्ति अक्षुण्ण है .
सतनामआन्दोलन के अन्तर्गत गुरू घासीदास जयंती के द्वारा समूचे छत्तीसगढ़ विकास रेखांकित हुआ और छत्तीसगढ़ राज्य का
सपना साकार हुआ . कृतज्ञ राज्य ने गिरौदपुरी गुरू घासीदास जी की जन्मस्थली में अनेक विकास कार्य कराते हुए कुतुब मीनार से ऊंचा जय स्तम्भ का निर्माण कराया . समाज मांगा नहीं था . ये मंत्री जी नकुल देव ढीढी द्वारा जगाये
सामाजिक , धार्मिक, राजनीतिक , शैक्षिक , सांस्कृतिक स्वाभिमान एवम् स्वतंत्रतोत्तर संवैधानिक हक चेतना का सम्मान था . - सा. के. आर. मार्कण्डेय
थाना तुमगाँव तहसील व जिला महासमुन्द छत्तीसगढ़ हुआ . जयंती के जन्मदाता के रूप में समाज के महामानव मंत्री
जी नकुलदेव की कीर्ति अक्षुण्ण है .
सतनामआन्दोलन के अन्तर्गत गुरू घासीदास जयंती के द्वारा समूचे छत्तीसगढ़ विकास रेखांकित हुआ और छत्तीसगढ़ राज्य का
सपना साकार हुआ . कृतज्ञ राज्य ने गिरौदपुरी गुरू घासीदास जी की जन्मस्थली में अनेक विकास कार्य कराते हुए कुतुब मीनार से ऊंचा जय स्तम्भ का निर्माण कराया . समाज मांगा नहीं था . ये मंत्री जी नकुल देव ढीढी द्वारा जगाये
सामाजिक , धार्मिक, राजनीतिक , शैक्षिक , सांस्कृतिक स्वाभिमान एवम् स्वतंत्रतोत्तर संवैधानिक हक चेतना का सम्मान था . - सा. के. आर. मार्कण्डेय
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