छत्तीसगढ़िया तोर मया

छत्तीसगढ़िया तोर मया
मोर जी के अधार होगे
तैं जीत डारे मोला
मोर हार होगे

ददरिया
उत्ती के पानी रे
बुड़ती के घाम
मोर चढ़ती जवानी
लिखा ले तोर नाम
लिखा ले रे बइहा
करार होगे

रद्दा ल रेंगे
झुलाये डेरी हाथ
अकेला झन जाबे
रेंगा  ले मोला साथ
मोर रेंगना घलो
अब तुम्हार होगे

नदिया के पानी
बोहय बारो मास
तोर पिरया म हे
मोर जिनगी के सांस
मोर जिनगी ह रे
तोर उधार होगे
- के. आर. मार्कण्डेय

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