गऊ जैसै नर

डरता है कौन ?
लड़ता है कौन ?
जिसको है डर
डरता है वो
जो भी नर
लड़ता है वो

नारी भी लड़ती है
मर्दानी होकर
रास्ते के पत्थर
को देती है ठोकर
जुल्मी सियासत से
लेती है टक्कर
जीते या हारे
बताती तो है
हक लिए एेसे लड़ो
सिखाती है वो

गऊ जैसै नर
जो लड़े न भिड़े
उन से भली जो
नारी लडे़
- सा. के. आर. मार्कण्डेय

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