गुरू के चरण बलिहारी संतो

गुरू के चरण बलिहारी ग संतो
गुरू के चरण बलिहारी
चरण गति महिमा नियारी ग संतो
गुरू के चरण बलिहारी

बिना गुरू ज्ञान न होवे
ज्ञान बिना हंसा रोवे
ज्ञान बर दिया लियों बारी ग संतो

सदगुरु तोरे किरपा समर हे
तोरे बचन धन धरम हमर हे
जग म फिरव अब वारी ग संतो

- सा. के आर. मार्कण्डेय

Comments

Popular posts from this blog

श्री नकुल देव ढीढी का जन्मोत्सव

शिव भोला