सुरूज बाई खाण्डे तिही अमर फल पाये
सुरूज बाई खाण्डे वो
सुन लेना का का होवत हे
तोर सुरता म कोन- कोन रोवत हे
जे रोवत हे , उही जागे हे
बाकी सब तान के सोवत हे
सुरूज बाई खाण्डे वो
तोर घोड़ा रोवत हे , घोड़सारे म
तोर हाथी रोवत हे , हाथीसारे म
तोर रानी रोवत हवे , महलो म
तोर राजा रोवत हे , दरबार म
सुरूज बाई खाण्डे वो
अइसे का मोहनी रेहे डारे
अइसे का जोगनी रेहे बारे
गोदी माटी करत - करत
तीनो लोक जीत डारे
सुरूज बाई खाण्डे वो
राजा भरथरी संग तैंहा
काल मिरगा मारन गेये
मिरगीन के दुःख भारी
तैं सौंहत देखे रेहे
सुरूज बाई खाण्डे वो
बबा गोरखनाथ जगाये
तैं अमर फल ल पाये
तैं पानी पियाने वाली
दुनिया म नाम कमाये
सुरूज बाई खाण्डे वो
रानी रोवत हवे पिंगला
तैं छोड़े हवस हमला
तोर रहत ल धनी रेहेन
अब हो गयेन हम कंगला
सुरूज बाई खाण्डे वो
हम अंधरा कहाँ जानेन
तोला चिन्हेन न पहिचानेन
तोर गोदी म नइ खेलेन
तोला दाई घला नइ मानेन
सुरूज बाई खाण्डे वो
दुनिया के रीत इही हे
तोर कहना सार सहीं हे
अउ आबे दाई दुबारा
अरजी हे अउ विनती हे
सुरूज बाई खाण्डे वो
स्वर्गारोहण - 11 मार्च 2018
विनम्र श्रद्धाजंलि -
के. आर . मार्कण्डेय
सुरूज बाई खाण्डे चौक
कातुल बोड़ ,सतनामी पारा, दुर्ग
छत्तीसगढ़
सामाजिक सदस्य हर गाँव , शहर
,नगर , कस्बा पा रा मोहल्ला में
एक चौक का नाम सुरूज बाई खाण्डे
के नाम पर करें .
लोक कलाकार की स्मृति बनी रहेगी .
हमने किया ,आप भी करें
समाज एेसा पहल करना पड़ेगा .
मेरे पते पर मित्रगण पत्र भेजें
मुझे खुशी होगी .
जय सतनाम
सुन लेना का का होवत हे
तोर सुरता म कोन- कोन रोवत हे
जे रोवत हे , उही जागे हे
बाकी सब तान के सोवत हे
सुरूज बाई खाण्डे वो
तोर घोड़ा रोवत हे , घोड़सारे म
तोर हाथी रोवत हे , हाथीसारे म
तोर रानी रोवत हवे , महलो म
तोर राजा रोवत हे , दरबार म
सुरूज बाई खाण्डे वो
अइसे का मोहनी रेहे डारे
अइसे का जोगनी रेहे बारे
गोदी माटी करत - करत
तीनो लोक जीत डारे
सुरूज बाई खाण्डे वो
राजा भरथरी संग तैंहा
काल मिरगा मारन गेये
मिरगीन के दुःख भारी
तैं सौंहत देखे रेहे
सुरूज बाई खाण्डे वो
बबा गोरखनाथ जगाये
तैं अमर फल ल पाये
तैं पानी पियाने वाली
दुनिया म नाम कमाये
सुरूज बाई खाण्डे वो
रानी रोवत हवे पिंगला
तैं छोड़े हवस हमला
तोर रहत ल धनी रेहेन
अब हो गयेन हम कंगला
सुरूज बाई खाण्डे वो
हम अंधरा कहाँ जानेन
तोला चिन्हेन न पहिचानेन
तोर गोदी म नइ खेलेन
तोला दाई घला नइ मानेन
सुरूज बाई खाण्डे वो
दुनिया के रीत इही हे
तोर कहना सार सहीं हे
अउ आबे दाई दुबारा
अरजी हे अउ विनती हे
सुरूज बाई खाण्डे वो
स्वर्गारोहण - 11 मार्च 2018
विनम्र श्रद्धाजंलि -
के. आर . मार्कण्डेय
सुरूज बाई खाण्डे चौक
कातुल बोड़ ,सतनामी पारा, दुर्ग
छत्तीसगढ़
सामाजिक सदस्य हर गाँव , शहर
,नगर , कस्बा पा रा मोहल्ला में
एक चौक का नाम सुरूज बाई खाण्डे
के नाम पर करें .
लोक कलाकार की स्मृति बनी रहेगी .
हमने किया ,आप भी करें
समाज एेसा पहल करना पड़ेगा .
मेरे पते पर मित्रगण पत्र भेजें
मुझे खुशी होगी .
जय सतनाम
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