ददरिया

आनी- बानी के गोठ तोरेच मेर हे
जइसे कड़कदार नोट तोरेच मेर हे
नवा छाता , नवा कोट तोरेच मेर हे
राजधानी के पूरा वोट तोरेच मेर हे
तोला खुले जवानी रे यार

नजरे- नजर के करके इशारा
मोटरा म मया भेजे , मोला गाड़ा गाड़ा

बोली तोर , छतिया के पार होगे हे
कोन ल कहंव , मोला प्यार होगे हे

संझाके बेरा , चिरैया उड़े जात हे
तोर आँखी बोलत हे , जरूर कोनो बात हे

तरिया के तीर- तीर , डबरा बने
मोर बुद्धु सजन , मिठलबरा बने
तोला खुले जवानी रे यार
- सा. के. आर. मार्कण्डेय

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