सतनाम बोल

प्रथम गुरू घासी दास जयंती के अवसर गाया गया पंथी गीत

सतनाम , सतनाम , सतनाम बोल
कहे गुरू घासी दास सतनाम बोल

गर्भवास म भक्ति कबूले
इहंवा आकर उनको भूले
काहे भूले कुछ तो बोल

सतनाम यह सार जगत में
जिनगी के आधार जगत में
सत्य बचन सतनाम के मोल

सत से धरनी , सत से अगासा
 चांद- सुरूज दुई करे परकासा
नव लख तारा करे किलोल

सतनाम हे घट- घट वासी
 कटे बन्द , छूटे चौरासी
सतनाम हिरदे म तोल

सतनाम साहेब दरसाये
हंस उबारन लोक मआये
लाखों तरगे सतनाम बोल

सत्य बचन बस एक ही जानो
सतनाम गहि एक ही मानो
जागव साहेब अंखियाँ खोल
कहे गुरू घासी दास सतनाम बोल

Comments

Popular posts from this blog

श्री नकुल देव ढीढी का जन्मोत्सव

शिव भोला