गणपति.विसर्जन वंदना
सतनाम बाबा गणपति महराज
तोर वंदना हे आज
तो
र वंदना हे आज
चौदह भुवन ले तुम चले आये हव
घर, गली , अंगना म मढ़वा छवाये हव
जिहां जुरगे समाज
तोर वंदना हे आज
माता-पिता के तुम महिमा जानेव
तीनो लोक ले बढ़के मानेव
हमु मानत हन गणराज
तोर वंदना हे आज
तोर वंदना हे आज
तो
र वंदना हे आज
चौदह भुवन ले तुम चले आये हव
घर, गली , अंगना म मढ़वा छवाये हव
जिहां जुरगे समाज
तोर वंदना हे आज
माता-पिता के तुम महिमा जानेव
तीनो लोक ले बढ़के मानेव
हमु मानत हन गणराज
तोर वंदना हे आज
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