🚆👪🎢🎢🏭🚌 बनिहार संग मया झन बढ़ा ना गोरिया दुई चार दिन म , हताश हो जबे दुःख पाबे थोरको , निराश हो जबे बनिहार संग मया झन बढ़ा ना गोरिया लड़की- मया बाढ़ि गे हे राजा , बढ़हाहूं काला रे दिल हार गे हवंव , दूसर लाहूं काला रे दुःख आवे हजार , घबराहूं काला रे मया बाढ़ि गे हे राजा , बढ़हाहूं काला रे लड़का बनी- भूति वाले संग , का सुख पाबे तैं हीरा जनम गोई , बिरथा गंवाबे तैं रोवत- रोवत चऊमास हो जबे बनिहार संग.... लड़की कोन बनिहार नोहे , मोला तैं बताना रे राज- पाट होही तेकर , का हे ठिकाना रे मन तो गंवागे , अऊ गंवाहूं काला रे मया बाढ़ि गे........ लड़का अइसे तोर गोठ लागे , मोरो मन के बात हे लड़की कइसे समझावंव तोला , मन के बरात हे लड़का सपनाये बर करे , मोला मतवाला वो लड़की मया बाढ़ि गे हे बढ़हाहूं काला रे - सा. के. आर. मार्कण्डेय