Posts

Showing posts from November, 2017

हे नकुल देव ढीढी

Image
हे ञक़ुल देव ढीढी गुरू घासीदास जय़ंत्री के ज॒न्मदाता छुआछूत से मुक्तिं अन्याय से लड़ने की शक्ति देने वाले भारत भाग्य विधाता जय हो तुम्हारा जय हो  ़ सरल, गरल और सच्चा विचार तुम्हारा समानता क़ा उज्॒जवल धारा बंधुता कां अवगाहन प्यारा न्यायपूर्ण व्यवहार करने उन सबको ललकारा कोटि- कोटि धिक्कारा जो देते थे हमको कारा जुल्मियों को किये किनारा ज॒य़ हो तुम्हारा हे नकुल देव ढीढी जय हो तुम्हारा  ़़़़                      के  ़ अार  ़  मार्कण्डेय

भुंजा गे हन

भुंजा गे हन मंहगाई के आगी म का नइ लेवन, का ला लेवन जुरहा-जुरहा भागी म तिर-तिर म जतका दुकान हवे लइकन के अरमान हवे गोली, बिस्कुट- सोनपपड़ी ह रूंघे के सामान हवे यू हू घलो बड़ दुरिहां हे मिले नहीं ये मांगी म मर- मर के कतको कमावत हन नइ जानेन कहॉं उड़ावत हन सोन मछरी कस बिछ्छल हवे हाथ आये ल गंवावत हन घर- कुरिया के नइये ठिकाना कुरता सनाये हे दागी म तरकारी कइथे तैं झन लेना मोला जुच्छा के जुच्छा लहुट आथे झोला ऑंखी मझुलत हवे साग- भाजी संगवारी छेकत हे पियाना तैं मोला नहीं केहे म संग छुटत हे दार भुलागे लागी म. भुंजागे हन मंहगाई के आगी  म. ़ गोंदली टमाटर के गोठ नइयें खीसा म इंकर बर नोट नइये तेल- फुल चुपरे महीना होगे चुंदी- मुड़ी चिटपोट नइये हलर- हलर कनिंहा कटार होगे सुवारथ नइये पागी म छत्तीसगढ़ी कविता                      - के  ़ आर  ़ मार्क़ण्डेय

सहज सरल जीवन मार्ग

Image
बाबा साहेब के मारग सरल हे गुरू घासीदास के रद्ददा सरल हे, अति सहज हे. भले दुनिया महा गरल हे!
Image
काकर कतका ईमान हे , काेन गरकट्टा बइमान हे न तुम जानेव न हम जानेन काेन कतका बलवान हे न तुम जानेव , न हम जानेन काक़र मेर कतका ज्ञान हे ओकर कतेक दुकान हे वाे कतेक हलाकान हे न तुम जानेव , न हम जानेन !

कहानी मोर गॉंव के-कहानी तोर गॉंव के

Image
कहानी मोर गॉंव के हो तोर गॉंव के हो कहानी एक हे . जवानी मोर गॉंव के हो तोर गॉंव के हो जवानी एक हे . मोर गॉंव म रद्दा ह बने नइये चौरा म छेकाय हे माटी कुढ़वाय हे पेरा गंजाय हे पेरौसी मढ़ाय हे छेना रचाय हे घुरवा खनाय हे तोर गॉंव घलो इहि हाल हे सबो बेहाल हे सइघो सवाल हे परिया म दुकान माते  जवान लइका-सियान. माते हे काबर बस इहि काम हे अउ दूसर काम नइये इहि जवानी हे इहि सियानी हे मोर गॉंव के हो या तोर गॉंव के जवानी एक हे सियानी एक हे जवानी धुत हे सियानी चुप हे

हमको क्षमा करें

Image
हे नकुल देव ढीढी जी  हम कौन हैं? जो मौन हैं हम वही हैं  जिनके लिये  समाज गौण है़ हमारे पास  स्वयं का  बरमूड़ा त्रिकोण है घर पर और डर  इसी बीच  समकोण है इसके आगे हम मौन हैं हम अपनी गलती मान नहीं सकते आप क्या थे ? हम जान नहीं सकते हम नाम आपका बड़े आदर और श्रद्धा के साथ लेतें हैं  हमको क्षमा क़रें  जयकारा तक दृषि्टकोण है

सुप्रभात

Tribute to our brave brave soldier who sacrificed his live in  26.11.2008 against terrorists in Mumbai.
congratulation for the constitution Day
Good morning 

Shri Nakul Dev Dhidhi

Image

Guru Ghasi Das

Image