गणपति.विसर्जन वंदना
सतनाम बाबा गणपति महराज तोर वंदना हे आज तो र वंदना हे आज चौदह भुवन ले तुम चले आये हव घर, गली , अंगना म मढ़वा छवाये हव जिहां जुरगे समाज तोर वंदना हे आज माता-पिता के तुम महिमा जानेव तीनो लोक ले बढ़के मानेव हमु मानत हन गणराज तोर वंदना हे आज